12 वफात कब है 2024 में ? Eid ul milad-un Nabi kab hai 2024.

मेरे प्यारे भाइयों अगर आप गूगल पर यह सर्च कर रहे हैं कि 12 वफात कब है 2024 में तो आप बिल्कुल सही पोस्ट पढ़ रहे हैं हम आपको बहुत ही अच्छे से यह बताएंगे कि 2024 में 12 वफात कब है बिल्कुल सही और सटीक जानकारी पाने के लिए आप हमारे आर्टिकल को शुरू से अंत तक स्क्रोल करके पूरा पढ़ें |

12 वफात 2024 में कब है और यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है|12 वफात 2024 का त्यौहार किसकी याद में मनाते हैं | यह सभी जानकारी आपको हमारी आर्टिकल में मिलने वाली है|

 मेरे प्यारे इस्लामी भाइयों जैसे कि आप सभी जानते हैं मुस्लिम त्योहार चांद के हिसाब से मनाए जाते हैं और यह हर साल अंग्रेजी तारीख के अनुसार कम बढ़ती होते रहते हैं कहने का मतलब यह है कि आगे पीछे होकर चांद के हिसाब से मुस्लिम त्योहारों को मनाया जाता है|

आपका जो सवाल था 12 वफात कब है 2024 में आपका यह सवाल करना बिल्कुल सही था क्योंकि दोस्तों मुस्लिम तोहार हमेशा चांद की तारीख के हिसाब से मनाए जाते हैं और चांद की तारीख अंग्रेजी तारीख के अनुसार आगे पीछे होती रहती है|

 जैसा कि आप सभी जानते हैं हमारे भारत सरकारी नहीं ज्यादातर राज्य सरकारें के सरकारी कैलेंडर की लिस्ट में आपने जरूर ईद मिलादुन्नबी की छुट्टी होगी | जैसा कि मैं आपको पहले ही बता चुका हूं ज्यादातर लोग यह जानते ही होंगे इस्लामिक त्योहारों का डेट यानी कि तारीख हर साल बदल जाती है इसलिए आपका प्रश्न उठाना जाहिर है कि 2024 में कब है|

12 वफात की सही तारीख क्या है ?

12 वफात या ईद मिलादुन्नबी 28 सितंबर 2023 को मनाया जाएगा | लेकिन कैसे तो आइए जानते हैं सबूत के साथ |

  • 1 रबी अल-अव्वल -> 17 सितम्बर
  •  2 रबी अल-अव्वल ->  8 सितम्बर 
  • 3 रबी अल-अव्वल19->   सितम्बर 
  • 4 रबी अल-अव्वल -> 20 सितंबर 
  • 5 रबी अल-अव्वल -> 21 सितंबर 
  • 6 रबी अल-अव्वल -> 22 सितंबर 
  • 7 रबी अल-अव्वल -> 23 सितंबर 
  • 8 रबी अल-अव्वल -> 24 सितंबर 
  • 9 रबी अल-अव्वल -> 25 सितंबर 
  • 10 रबी अल-अव्वल -> 26 सितंबर 
  • 11 रबी अल-अव्वल -> 27 सितंबर 
  • 12 रबी अल-अव्वल -> 28 सितम्बर (जुमेरात).

ईद मिलाद उल नबी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है ?

यह तोहार दुनिया भर के मुस्लिम देशों में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है| यह तोहार इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के लिए मनाया जाता है| 

और उनके सम्मान में जुलूस निकाले जाते हैं| इस वर्ष यह त्यौहार 28 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा| इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार इस त्यौहार को रबी उल अव्वल के बारे में दिन मनाया जाता है| 

आपकी जानकारी के लिए बता दें इस दिन लोग हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन मनाते हैं और उनकी याद में जुलूस भी निकालते हैं आज हम आपको इस त्यौहार के इतिहास और महत्व के बारे में बताएंगे|

ईद मिलाद उल नबी या बारावफात का इतिहास |

इस त्यौहार को ईद ए मिलाद के नाम से भी जानते हैं इस्लाम धर्म के अनुसार हजरत मोहम्मद साहब का जन्म अरब के मक्का शहर में 571 ईस्वी में रवि अव्वल के 12 तारीख को हुआ था| 

बताया जाता है कि हजरत मोहम्मद साहब जब 6 वर्ष के थे तो उनकी मां का इंतकाल हो गया था जिसके बाद उनका पालन पोषण उनके चाचा अबू तालिब ने दादा अबू मुतालिब ने पैगंबर मोहम्मद साहब की परवरिश की |जब हजरत मोहम्मद साहब बड़े हुए तो अल्लाह की तरफ से उन्हें नबूवत बख्शी गई और इसके बाद उन्होंने दुनिया के कोने कोने में इस्लाम को फैलाया | 

12 वफात का महत्व  |

आपकी जानकारी के लिए बता दे किस दिन रात भर अल्लाह की इबादत की जाती है घर और मस्जिदों में कुरान की तिलावत की जाती है| और हजरत मोहम्मद साहब के द्वारा बताए गए संदेशों को बता कर उस पर चलने की हिदायत दी जाती है| 

ऐसा भी कहा जाता है कि ईद मिलादुन्नबी वाले दिन दान खैरात जकात करने से अल्लाह बहुत खुश होता है| इसलिए ज्यादातर लोग खैरात जकात भी निकालते हैं | 

पिछले सालों के रिकॉर्ड के हिसाब से जानते हैं कि वर्ष 2024 में ईद मिलाद उल नबी का त्यौहार कब होगा |

  • 2013 – 24 जनवरी 
  • 2014 – 13 जनवरी 
  • 2015 – 3 जनवरी 
  • 2016 – 12 दिसंबर 
  • 2017 – 01 दिसंबर 
  • 2018 – 21 नवंबर 
  • 2019 – 10 नवंबर 
  • 2020 – 30 अक्टूबर 
  • 2021 – 19 अक्टूबर (हुआ था) 
  • 2022 – 09 अक्टूबर 
  • 2023 – 28 सितंबर

12 वफात या ईद मिलादुन्नबी  की संक्षिप्त जानकारी |

मेरे प्यारे इस लाइन भाइयों मिलादुन्नबी अरबी भाषा का शब्द है और उर्दू जानने वाले इसे ईद मिलादुन्नबी भी कहते हैं इस्लाम धर्म के आखरी पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम का जन्म से जुड़ा है ईद मिलादुन्नबी का तोहार | 

हजरत मोहम्मद उर रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम का जन्म  रबी उल अव्वल  महीने की 12 तारीख  और इंतकाल भी इसी तारीख को हुआ था |

 आपके वालिद का नाम अब्दुल्लाह और वालिदा का नाम आमना था आप का इंतकाल 62 साल की उम्र में 8 जून 632 ईसवी को मदीना सऊदी अरब में हुआ था | आपका जन्म और इंतकाल दोनों ही एक ही तारीख को हुए थे |

इसलिए मुसलमानों के  लिए यह  त्यौहार बहुत ही महत्वपूर्ण है | जिसमें लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के बताए गए रास्तों पर अमल करने की हिदायत देते हैं| इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र ग्रंथ कुरान है इस दिन कुरान की तिलावत की जाती है|

12 वफात के त्यौहार को मुसलमान कैसे मनाते हैं ?

12 वफात या ईद मिलादुन्नबी को मुसलमान जुलूस निकालकर और हजरत मोहम्मद उर रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के शान में नात ए पाक पढ़ कर और उनके जीवन और उनके उपदेशों को सुनने के लिए  जलसा का प्रोग्राम आदि करके इस त्योहार को मनाते हैं| 

 क्या ईद मिलादुन्नबी पर सार्वजनिक छुट्टी है |

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईद मिलादुन्नबी पर सार्वजनिक छुट्टी का पालन अलग-अलग देशों में अलग-अलग होता है भारत देश में ईद मिलादुन्नबी के दिन गैजेट होलीडे रहता है|

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मैं AR पिछले 4 साल से ब्लॉग्गिंग कर रहा हूं. मुझे ऑनलाइन शॉपिंग और प्रोडक्ट रिव्यू की जानकारी दिखाना और देखना बहुत अच्छा लगता है.

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