सलातुल तस्बीह की नमाज पढ़ने की फ़ज़ीलत salatul tasbeeh ki namaz padhne ki fazilat 

अस्सलाम वालेकुम दोस्तों आज मैं आपको सलातुल तस्बीह की नमाज पढ़ने का सही तरीका और इसकी क्या-क्या फजीलत है इसके बारे में बताने जा रही हूं

सलातुल तस्बीह की नमाज के बारे में बहुत सारे लोगों को नहीं पता कि सलातुल तस्बीह की नमाज कैसे पढ़ी जाती है इसका सही तरीका क्या है तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इसका सही तरीका क्या है

सलातुल तस्बीह की नमाज को प्यारे नबी मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपने अंकल सुजुद्दीन हजरत अब्बास को सिखाई थी और दूसरे साहब को भी पढ़ने का हुक्म दिया

सलातुल तस्बीह की नमाज हफ्ते में या फिर अगर हफ्ते में ना हो सके तो महीने में अगर महीने में ना हो सके तो साल में और साल में भी ना हो सके तो पूरी जिंदगी में काम से कम एक बार नमाज जरूर पढ़ना चाहिए

  • |सलातुल तस्बीह की नमाज़ की नियत
  •  सलातुल तस्बीह की नमाज़ की फ़ज़ीलत
  •  सलातुल तस्बीह की नमाज का टाइम 
  • सलातुल तस्बीह की दुआ
  •  सलातुल तस्बीह नमाज़ कैसे पढ़े
  • सलातुल तस्बीह पढ़ने का तरीका
  • सलातुल तस्बीह में क्या पढ़ना चाहिए

सलातुल तस्बीह की नमाज पढ़ने का तरीका क्या है ?

सलातुल तस्बीह की नमाज पढ़ने के लिए सबसे पहले वजू करना होगा उसके बाद ही हमें नमाज पढ़ना शुरू करनी है सलातुल तब भी की नमाज की नियत करेंगे सना दुआ को पड़े 15 मर्तबा कल में को पढ़िए सूरह फातिहा को पड़ेंगे कुरान शरीफ का कोई सूरह या सबसे छोटा सूरज पड़ेंगे सूरत को पढ़ने के बाद 10 बार कलमे को पड़े

रुको मैं कलमे को 10 मर्तबा पड़ेंगे रुको के बाद जब ब्रेक हो तब 10 मर्तबा कलमें को पड़ेंगे सजदे में जाकर फिर कलमें को 10 बार पड़ेंगे| सजदे में जाने के बाद फिर कल में को 10 बार पड़े सजदे के दरमियान जब बैठे हो तब फिर दोबारा कल में को 10 बार पड़ेंगे दूसरे सजदे में फिर यही कल में 10 बार पड़े इसी तरह से हमारी एक रकात सलातुल तस्बीह की नमाज पूरी हो गई है|

इस एक रकात नमाज में हम 75 मर्तबा कलमे को पढ़ते हैं इसी तरह हर स्टेप को फॉलो करते हुए हम दूसरा तीसरा चौथा रकात में भी 75 75 75 मर्तबा करके 300 बार इस काल में को पड़ेंगे

इसी तरह से हमारी सलातुल तस्बीह की नमाज पूरी हो जाएगी|

सलातुल तस्बीह की नमाज पढ़ने का वक्त क्या है ?

सलातुल तस्बीह की नमाज के जो टाइम है वह मकरू वक्त तोतुलु आफताब गुरु आफताब जावाल का वक्त के अलावा किसी भी टाइम अदा कर सकते हैं

 मगर बेहतर यह है कि सलातुल तस्बीह की नमाज जोहर की नमाज से पहले अदा की जाए 

सलातुल तस्बीह की नमाज पढ़ने की नियत कैसे बांधते हैं|

दोस्तों बहुत से लोग नहीं जानते कि सलातुल तस्बीह की नमाज पढ़ने की नियत कैसे बांधते हैं तो आज हम आपको बताने वाले हैं चलिए देखते हैं

सलातुल तस्बीह की नमाज़ की नियत कोई लंबी चौड़ी नियत नहीं होती है यह बिल्कुल पांच वक्त की नमाज की नियत की तरह ही की जाती है जो हम आपको बता रहे हैं |

नियत कि मैं नमाज की नमाज वास्ते अल्लाह ताला के चार रकात नमाज सलातुल तस्बीह मुंह मेरा काबे शरीफ की तरफ अल्लाह हू अकबर

 यह नियत करते वक्त इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि जिस टाइम यह नमाज अदा कर रहे हैं तो उसे वक्त कभी नियत में नाम ले ले क्योंकि सलातुल तस्बीह की नमाज का कोई टाइम मुकर्रर नहीं है |

सलातुल तस्बीह की नमाज नफिल है या सुन्नत

देखिए सलातुल तस्बीह की नमाज पांच वक्त की नमाज के अलावा जितनी भी नमाजे हैं चाहे वह तहज्जुद की नमाज हो या फिर चार्ज की नमाज हो वह सारी नमाजे नफिल नमाज मानी जाती है इसी तरह सलातुल तस्बीह की नमाज भी नफिल नमाज मानी जाती है 

सलातुल तस्बीह की नमाज पढ़ने के क्या-क्या फायदे हैं ?

  1. सलातुल तस्बीह के जरिए अल्लाह ताला छोटे बड़े अगले पिछले गुनाहों को माफ फरमाता है|
  2. अल्लाह ताला तुम तस्वीर की बरकत बंदे की तमाम दिनी दुनियाबी जरूरतो को पूरा फरमाता है और तकलीफ और परेशानियों को भी दूर फरमाता है|
  3. सलातुल तस्बीह की बरकत से अल्लाह ताला बंदे की रोजी में बरकत अता फरमाता है|
  4. सलातुल तस्बीह से अल्लाह ताला बंदे का चेहरा रोशन कर देता है|
  5. सलातुल तस्बीह से बंदे को तकवा व परहेजगारी हासिल होती है|
  6. सलातुल तस्बीह की नमाज की बरकत से अल्लाह ताला मैदाने महशर   में आसानी आता फरमाता है|
  7. सलाह तुम तस्वीर की नमाज की बरकत से अल्लाह ताला उसे बंदे को लंबी उम्र अता फरमाता है |

तस्बीह में क्या पढ़ना चाहिए ?

दोस्तों बहुत सारे लोगों को नहीं पता की तस्वीर में क्या पढ़ना चाहिए तो आज हम आपको बताने वाले हैं तस्वीर से अल्लाह का नाम लेकर दुआ करने में आसानी होती है

 तस्बीह से 33 -33 बार सुभान अल्लाह वलहम्दुलिल्लाह और 34 बार अल्लाहु अकबर पढ़कर इबादत की जाती है कुल 100 बार पढ़ने से एक बार की इबादत मुकम्मल होती है

सलातुल तस्बीह की नमाज की फजीलत 

सलातुल तस्बीह की नमाज को पढ़ने के बहुत सारे फायदे हैं और फजीलत हैं क्योंकि सलातुल तस्बीह को पढ़ने का हम हमारे प्यारे नबी हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने दिया था|

आज हम उनमें से सलातुल तस्बीह की नमाज की तीन फजीलत के बारे में आपको बताने जा रहे हैं आइए देखते हैं |

  1. अगर आपके साथ जिंदगी में कोई भी परेशानी चल रही हो या फिर आप किसी बुरी जगह फंस गए हो तो सलातुल तस्बीह की नमाज को पढ़ने के बाद आपकी पूरी परेशानी दूर हो जाएगी और जो भी आपकी परेशानी है वह भी खत्म हो जाएगी |
  1. सगीरा और कबीरा गुनाह जो हमने जानबूझकर किए हैं या अनजाने में जो भी गुनाह हमसे हुए हैं या जो गुनाह हमने छुपकर किए हैं या खुले जवानी में किए हैं या बुढ़ापे में तो सलातुल तस्बीह की नमाज को पढ़ने के बाद अल्लाह पाक आपकी सारी गुनाहों को माफ फरमा देगा |
  1. अगर आपके साथ जिंदगी में कोई भी परेशानी चल रही हो या फिर आप किसी बुरी जगह फंसे हुए हैं तो सलातुल तस्बीह की नमाज पढ़ कर आपकी सारी परेशानी दूर हो जाएगी|

हमारे प्यारे बहनों भाइयों आज हमने आपको इस आर्टिकल के अंदर सलातुल तस्बीह की नमाज की फजीलत और इसे पढ़ने का तरीका और सलातुल तस्बीह मैं क्या पढ़ा जाता है इसके बारे में हमने आपको इस आर्टिकल में बहुत अच्छे से समझाया है

उम्मीद करती हूं कि आपको मेरी यह नमाज से जुड़ी हुई जानकारी पसंद आई होगी तो इसे लाइक शेयर कमेंट करना ना भूले और ज्यादा से ज्यादा व्हाट्सएप इंस्टाग्राम फेसबुक पर शेयर करें शुक्रिया 

मैं AR पिछले 4 साल से ब्लॉग्गिंग कर रहा हूं. मुझे ऑनलाइन शॉपिंग और प्रोडक्ट रिव्यू की जानकारी दिखाना और देखना बहुत अच्छा लगता है.

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