ताबीज क्या है दोस्तों इस बारे में हम आपको अपने इस लेख में विस्तार से बताएगे| जानने के लिए लेख को पूरा पढ़ें एक को पूरा पढ़कर आप समझ जाएंगे कि ताबीज क्या है| हमारे शरीर में बीमारी आदि से हवा हवा से बचने के लिए ताबीज को गले या फिर जलाकर आदि तरीके से प्रयोग किया जाता है उसको हम ताबीज कहते हैं|ताबीज हमारे शरीर के विभिन्न ईश्वर पर धारण किया जाता है यानी कि पहना जाता है ताबीज एक प्रकार का हमारे लिए रक्षा कवच है जो हमें अनेक कठिनाइयों और बीमारियों से बचाता है|
ताबीज को किसी भोजपत्र पर लिखकर धातु या किसी अन्य कपड़े में लपेटकर बनाया जाता है उसके बाद हम अपने शरीर पर धारण कर लेते हैं|
Table of Contents
- 1 ताबीज पहनने के फायदे और नुकसान|
- 2 ताबीज किस तरह काम करता है|
- 3 ताबीज का इस्तेमाल कहां कहां किया जाता है|
- 4 ताबीज कैसे बनाते हैं|
- 5 ताबीज पहनने के क्या क्या कारण होते हैं|
- 6 अपने हाथों से खुद ताबीज कैसे बनाएं|
- 7 ताबीज बनाने के दिशा निर्देश|
- 8 डिस्क्लेमर:-हमारी यह वेबसाइट इस बात की पुष्टि नहीं करती है| इंटरनेट पर अवेलेबल कंटेंट को हमने अपनी भाषा में लिखने की कोशिश की है धन्यवाद
ताबीज पहनने के फायदे और नुकसान|
तांत्रिक मौलवी फकीर या किसी सड़क बैठे किनारे साधु से ताबीज कराना आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है| आप जब भी ताबीज कराएं तो बहुत अच्छे और सिद्ध व्यक्ति से ताबीज कराएं अन्य तो आप को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है|
ताबीज हमेशा से दो प्रकार के होते हैं व्यक्तिगत और सामान्य व्यक्तिगत ताबीज व्यक्ति के शरीर पर धारण किए जाते हैं और सामान्यता भी किसी घर के द्वार या घर में किसी भी कोने में धारण किए जाते हैं|
ताबीज अगर अच्छे उपचार और मंत्र से बनाया गया है तो वह ताबीज बहुत ही ज्यादा आपके लिए काम करने वाला हूं अगर आप सड़क बैठे फकीर किसी साधू आदि से 40 बनवाते हैं तो वह ताबीज आप को नुकसान पहुंचा सकता है कोई फर्क नहीं करेगा और आप बहुत परेशान रहेंगे|
ताबीज का प्रयोग बहुत सारी चीजों पर किया गया है और जैसे कि जानवर भैंस बकरी का प्रयोग किया जाता है|आपने देखा होगा कुछ जानवर जो दूध देने वाले होते हैं और दूध नहीं देते हैं अचानक तब लोग परेशान हो जाते हैं कि हमारा जानवर दूध नहीं दे रहा लेकिन स्थिति में क्या होता है कि बुरी नजर या फिर नकारात्मक ऊर्जा का ऐसी जगह बात हो जाता है जो जानवर दूध नहीं देता है| ऐसी स्थिति में हमें उस समय जरूरत पड़ती है ताबीज बनवाने की और ताबीज बनवा कर जब हम अपने जानवर पर इस्तेमाल करते हैं तब हमें यह नजर आता है क्या हमारा जानवर पहले से काफी सही हो गया है और दूध भी भरपूर मात्रा में जितना पहले देता था पहले की तरह देना शुरू कर दिया है|
ऐसे दोस्त आप समझ गए होंगे किताब इससे हमें फायदे भी हैं और नुकसान भी हैं|
ताबीज किस तरह काम करता है|
ताबीज अक्षर एक इरादे और उद्देश्य से बनवाए जाते हैं जब उनका यह स्पष्ट इरादा और फोकस के साथ साजिश का उपयोग किया जाता है तो ऐसे ताबीज बहुत प्रभावी होते हैं उदाहरण के तौर पर प्राचीन मेसोपोटामिया में ताबीज अक्सर मिट्टी या धातु से बनाए जाते हैं और उन पर ऐसे उदाहरण लिखे थे प्रतिज्ञा शिलालेख अंकित करके जादुई शक्तियों का प्रयोग किया जाता था|
प्राचीन मिस्र देश में ताबीज आमतौर पर सोनेय कीमती पत्थरों से बनाए जाते थे लेकिन आज के समय में ऐसा नहीं है आज ताबीज कागज पर लिखकर चांदी या अन्य धातु के खोल में कवर किए जाते हैं|
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ताबीज पहनने के फायदे और नुकसान | ताबीज क्या है आइए जानते हैं |
मध्यकाल में ताबीज का इस्तेमाल आमतौर पर बुरी आत्माओं या बीमारी से सुरक्षा के लिए किया जाता था लेकिन आज के समय में बहुत सी ऐसी बीमारी और मसले हैं जिनमें ताबीज का प्रयोग किया जाता है|
आज के समय में छोटे बच्चों को नजर का मसला हो जाता है तो ऐसी स्थिति में परिवार के लोग इधर-उधर भागते हैं डॉक्टर को दिखाते हैं लेकिन कुछ मसले ऐसे होते हैं कि ऊपरी नजर हो जाती है बच्चों को तो उसके लिए भी ताबीज का प्रयोग किया जाता है|\
आपने देखा होगा कि आपके यहां दूध देने वाले जानवर अगर पल रहे हैं तो जानवरों में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि पहले तो आप के जानवर दूध शहीद हो रहे थे अच्छी मात्रा में दूध दे रहे थे लेकिन अब ऐसा नहीं है तब क्या करते हैं लोग ऐसी स्थिति में डॉक्टर को दिखाते हैं लेकिन कहीं कहीं ऐसा होता है ऊपरी नजर यानी कि नकारात्मक ऊर्जा का बाद भी हो जाता है और इस स्थिति में मौलवी फकीर या साधु बाबा से ताबीज कराया जाता है ऐसा करने पर जानवर पहले की तरह दूध देना शुरू कर देता है|
लेकिन आपने देखा होगा और पढ़ा होगा साइंस इन बातों को मानने से इनकार करता है लेकिन फिर भी इस जमाने में ताकि की प्रथा चली आ रही है|
ताबीज का प्रचलन प्राचीन समय से ही है| लेकिन आज वर्तमान में भी ताबीज का प्रचलन जारी है अगर किसी को कोई दुख परेशानी हो जाती है बच्चों को बुखार आ रहा है और डॉक्टर को काफी दिखाने के बाद भी बच्चे का बुखार कम नहीं हुआ है तब इस स्थिति में बच्चे के परिवार वाले साधु फकीर बाबा के पास जाते हैं और ताबीज करा लेते हैं लेकिन कहीं-कहीं ऐसे मसलों में ताबीज से फायदा भी होता है और नहीं भी होता है|
ताबीज का इस्तेमाल कहां कहां किया जाता है|
ताबीज का इस्तेमाल कहां कहां किया जाता है यह जानने आप हमारे इस लेख में| अक्सर आपने देखा होगा कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं ताबीज गुंडों में अधिक विश्वास रखती हैं| महिला को अगर कोई जरा सी दिक्कत हो जाती है तो वह तुरंत ताबीज पर विश्वास करती है फकीर साधु बाबा के पास जाती है और ताबीज बनवा लेती लेकिन इस स्थिति में पुरुष कम प्रयोग करते हैं| ताबीज का प्रयोग बहुत सारी जगह पर किया जाता है| जैसे आदमी, बच्चे, महिलाएं, जानवर आदि जगह ताबीज को इस्तेमाल किया जाता है|
आपने देखा होगा अगर बच्चा बीमार होता है तब ऐसी स्थिति में भी लोग ताबीज का प्रयोग कर लेते हैं| इसके अलावा अगर किसी के घर पर जानवर पल रहे हैं और वह ठीक से दूध नहीं दे रहे या बीमार है तब उसी स्थिति में भी लोग ताबीज का प्रयोग करते हैं|
पहले के समय में कागज का प्रयोग अधिकतर मुस्लिम लोग किया करते थे लेकिन आज के इस स्थिति में आज के समय में हिंदू धर्म के लोग भी ताबीज गडों को मानने लगे है|
ताबीज का प्रयोग एक दूसरे को बस में करने के लिए भी किया जाता है प्यार मोहब्बत पाने के लिए भी लोग ताबीज का प्रयोग करते हैं| लड़ाई झगड़े के लिए भी ताबीज का इस्तेमाल किया जाता है अगर आप का कोई दुश्मन है और आप उससे या किसी अन्य के बीच लड़ाई कराना चाहते हैं तब भी लोग इस स्थिति में ताबीज का इस्तेमाल करते हैं फकीर बाबा से ताबीज बनवा कर लोगों के बीच लड़ाई झगड़ा कराया जाता है|
अगर कोई पुरुष या महिला किसी से मोहब्बत करता है या करती है तब लोग उसकी मोहब्बत को पाने के लिए भी ताबीज का इस्तेमाल करते हैं| आज के समय में बहुत से ऐसे फकीर साधु बाबा बैठे हैं जो प्यार मोहब्बत को पाने के लिए ताबीज बना देते हैं|
बच्चे अगर बीमार रहते हैं और डॉक्टर को दिखाने के बाद भी उनकी बीमारी ठीक नहीं हो पाती है तब लोग साबित पर विश्वास कर लेते हो और ताबीज बनवा लेते हैं लेकिन कुछ स्थिति में ऐसा हुआ है कि ताबीज से लोगों को फायदा भी होता है और नहीं भी होता है|
ताबीज कैसे बनाते हैं|
ताबीज बनाना और ताबीज भरना यह तो हम कार्य हैं|ताबीज बनाना का कार्य धातु कर्म के कारीगर जैसे सुनार आदि वगैरा करते हैं क्योंकि ताबीज सोने चांदी तांबा या अन्य धातुओं से बनाए जाते हैं| लेकिन ताबीज भरने का काम फकीर बाबा साधु बाबा करते हैं| लेकिन कुछ विशेष स्थिति में साथ धातुओं से मिश्र धातु बनाकर भी ताबीज बनाए जाते हैं ताबीज का आकार उसके प्रयोग और माने जाने वाले स्थान के अनुसार किया जाता है ताबिश साधारण तरीके से गले में दाएं या बाएं भुजा भरथुआ कमर पर काले धागे या हरे धागे हरे कपड़े या काले कपड़ों के साथ बांधा जाता है|
उम्मीद करता हूं आप समझ गए होंगे कि किस तरह बनाया जाता अब मैं आपको नीचे इस लेख में यह बताने वाला हूं कि किस तरीके से ताबीज भरने का काम किया जाता है |
ताबीज भरने का काम तांत्रिक म***** मुसद्दी साधु फकीर बाबा करते हैं| किसी कागज अथवा भोजपत्र पर तंत्र बनाकर या मंत्र लिखकर किसी विशेष मुहूर्त में ताबीज भरा जाता है|जो फकीर बाबा होते हैं वह कलाम पाक की सूरत आयात लिखकर ताबीज को भरते हैं|
कुछ विशेष प्रकार के ताकि जो में पशु पक्षियों के बाल नथुनिया ने अवयव भरकर ताबीज भरने की जन मान्यताएं भारतीय संस्कृति में सनातन एवं इस्लाम दोनों ही धर्मों में देखी गई है|
लेकिन इस्लाम धर्म की तुलना में सनातन धर्म में इन प्रथाओं को अधिक महत्व दिया जाता है|
ताबीज पहनने के क्या क्या कारण होते हैं|
वैसे तो ताबीज पहनने का मुख्य कारण कुछ सामाजिक जन मान्यताएं हैं जिनका पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरण होता रहा है|उदाहरण के तौर पर छोटे बच्चों को नजर लगने पर या रूहानी एवं प्राकृतिक प्रकोप जैसे कि नकारात्मक ऊर्जा आदि से बचने के लिए ताबीज को पहना जाता है|
ताबीज को छोटे बच्चों के साथ-साथ महिलाएं पुरुष पशुओं आदि को बनाया जाता है| जब कुछ ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है कि महिला पुरुष या फिर पशु को ताबीज पहनने की नौबत आ जाए तब उसी स्थिति में उनको भी ताबीज बनाया जाता है जैसे कि अगर हमारा जानवर जो कि दूध देता है और वह उस बीमार है दूध देना कम कर दिया है अचानक तब इस स्थिति में लोग ताबीज बनवाकर जानवर को भी पहना देते हैं|
अगर कोई महिला या पुरुष किसी से मोहब्बत करता है और वह मोहब्बत उसको नहीं मिल पा रही है तब इस स्थिति में लोग फकीर साधु बाबा से ताबीज बनवा लेते और उनको पहना देते हैं या फिर उनके द्वारा दी गई सामग्री का इस्तेमाल करके अपनी मोहब्बत को पाने की कोशिश करते हैं तब इसकी स्थिति में भी लोग ताबीज का काम फकीर साधु बाबा से कराते हैं|
अपने हाथों से खुद ताबीज कैसे बनाएं|
अब आप किसी साधु फकीर बाबा के पास जाए बिना ही अपने आप को खतरों से बचा सकते हैं क्योंकि हम आपके लिए एक ऐसी विधि लेकर आए जिसके माध्यम से आप खुद अपने हाथों से स्वयं ताबीज बना सकते हैं|
अगर आप ऐसा सोचते कि केवल साधु फकीर बाबा ही अच्छा उत्तम ताबीज बना सकते हैं तो यह धर्म है आपका क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपने हाथों से एक उच्च गुणवत्ता वाला ताबीज बना सकता है तो आइए हम आपको बताते हैं कि किस तरह आप पर उच्चतम और अच्छी गुणवत्ता वाला ताबीज स्वयं बना सकते हैं|
आपका ताबीज बनाने का लक्ष्य कोई भी हो सकता है जैसे कि दुर्घटनाओं से सुरक्षा बुरी नजर से सुरक्षा और हानि से सुरक्षा धन का आकर्षण प्यार का आकर्षण सपना आदि से बचाव का ताबीज आप स्वयं अपने हाथों से बना सकते हैं|
लेकिन आपको खासकर एक बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि दोनों का ताबीज को आपस में जोड़ना असंभव है ऐसा नहीं हो सकता आप अगर कभी भी भविष्य में ताबीज बनाने की कोशिश कर रहे हैं या ताबीज बना रहे हैं तो दोनों को एक साथ ना जोड़ें आप ताजी सिर्फ एक लक्ष्य का ही एक बार में बनाएं|
ताबीज बनाने के दिशा निर्देश|
अपने हाथों से ताबीज कैसे बनाएं इस मुद्दे को हमने कई चरणों में विभाजित किया गया है जो हम आपको नीचे विस्तार से समझाएंगे|
- लक्ष्य का चुनाव |
- ताबीज बनाने के लिए सही समय का चुनाव |
- ताबीज बनाने के लिए इस्तेमाल में आने वाली सामग्री का चुनाव |
- ताबीज बनाने के लिए साफ सफाई की विशेषताएं |
- ताबीज किस लिए बना रहे हैं उसकी विशेषताएं |
आप कोई भी काम कर रहे हैं उसका एक लक्ष्य और इरादा मनाना सबसे महत्वपूर्ण और अहम बात है|आपको बहुत अच्छे तरीके से यह समझने की जरूरत होगी क्या आपको ताबीज की आवश्यकता क्यों पड़ रही है प्यार धोखा सुरक्षा या आपका कोई ड्रीम कैचर जिसकी आपको आवश्यकता है इसलिए अगर आप ताबीज बनाना चाहते हैं तो आप बेहतर ताबीज बना सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको एक ऐसा आइटम चुनना होगा जो आपके इस लक्ष्य को पूरा करेगा जैसे कि दिल के आकार की कोई धातु इस प्रकार की धातु में आप प्यार को पाने वाला ताबीज बना सकते हैं लेकिन आपको खासकर यह बात ध्यान रखने योग्य होगी क्या आप एक ही लक्ष्य पर उसी प्रकार का ताबीज बना सकते हैं उसके साथ किसी अन्य लक्ष्यों को नहीं जोड़ सकते|
अब आप चाहें तो अपने धातु से बनी आर्टिफिशियल चीजों को भी ताबीज के रूप में प्रयोग कर सकते हैं जैसे कि झुमके अंगूठियां पेंडेंट कंगन चाबियां चाबी के छल्ले आप अपने हाथों से कार्डबोर्ड से एक सर्कल या वर्ग बना सकते हैं और उस पर आवश्यक प्रतीक डाल सकते हैं जैसे कि आपको ताबीज के अगर जरूरत है तो उसमें जो आयत या मंत्र देखना है वह उस पर भाभी जी हम उनकी मदद से लिख सकते हैं और उसे तक लाकर ताबीज बना सकते हैं|
लेकिन ताबीज बनाने के लिए आपको एक खास बात तो और ध्यान योग्य रखने हैं कि इसमें सही समय का चुनाव बहुत ज्यादा मायने रखता है अगर आप अपने हाथ से खुद ताबीज बना रहे हैं अधिकतर ताजी समय के साथ बनते हैं लेकिन समय बहुत ज्यादा मायने रखता है ज्यादातर फकीर साधु बाबा ताबीज को नौचंदी जुमेरात में जाफरान से लिखकर बना कर देते हैं|
अगर आपको ताबीज जैसी स्थिति आपके घर में उत्पन्न हो रही है क्या हमें तारीफ की आवश्यकता है और हम ताबीज बनवाने फकीर साधु बाबा के पास जा रहे हैं ऐसी स्थिति से बचने के लिए आप पहले ही इन चीजों का बचाव कर सकते हैं अगर आप चाहे आप घर के ग्रहणी हैं वह परिवार को बुरी नजर से बचाने का ध्यान आपको रखना है तो कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप इससे छुटकारा पा सकते हैं|
घर की प्रत्येक ग्रहणी को चाहिए कि वह चूल्हे की साफ सफाई रखें घर में साफ सफाई रखें अपने घर में साफ सफाई रखेंऐसी कुछ बातों को प्रयोग करके आप चाहें तो अपने घर में नेगेटिव ऊर्जा का बास रोक सकते हैं और आपको भविष्य में आने वाली इन परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है|