औरतों को जन्नत में क्या मिलेगा aurat ko jannat mein kya milega

हमने सुना है कि धार्मिक पुरुष जब जन्नत में पहुंचते हैं तो उन्हें 72 हुए मिलती है लेकिन जब धार्मिक महिलाएं जन्नत में पहुंचती है तो उन्हें क्या मिलता है आज हम उसी के बारे में आपको बताएंगे बताने जा रहे हैं कि अगर औरत जन्नत में जाती है तो उसे क्या प्राप्त होगा लिए आज हम इस आर्टिकल में पूरा विस्तार से बताएंगे 

औरतों को जन्नत में क्या मिलेगा

जब हमने यह बात कही की जन्नत में मर्द को 72 हुर्रे मिल जाएंगे मगर औरत को क्या मिलेगा आज हम उनको बताना चाहते हैं और क्या चाहती है चाहती है तो उसे एक मर्द उसके दुख दर्द को समझने वाला हो उसके साथ वफादारी करने वाला है और यही चाहती है  फिर पूरी दुनिया उसके कदमों में रख दे वह पूरी दुनिया को ठोकर लगा देगी उसे एक मर्द की वजह से जो मर्द उसको समझने वाला औरत यही चाहती हैकि वह अपने घर में खुश रहे उसे कामकाज न करना पड़े मर्द उसको हर तरह से खुश रखे तो जन्नत में यही होगा कि उसके कामकाज को उसे करने से मिलेंगे और वह जो एक मर्द जो उसका नूर ए नजर था जो उसका हर हाल में ख्याल रखने वाला था उसको वह मर्द अपने दूल्हा की शक्ल में जन्नत में मिलेगा

सवाल पूछता है कि मर्दों को जन्नत में हूरे मिलेंगे तो औरतों को जन्नत में क्या मिलेगा तो देखिए जी फितरत पर अल्लाह ने मर्द और औरत को दुनिया में पैदा किया है वह फितरत नहीं बदलेगी और जन्नत में भी वही फितरत रहेगी यानी जिस तरह दुनिया में औरत एक से ज्यादा मर्द से निकाह नहीं कर सकती यानी की जन्नत में उसे उसी का शॉहर अत किया जाएगा और एक जन्नती औरत के एक से ज्यादा शहर नहीं होंगे 

अब एक खातून जो खुद जन्नत में जाएगी और उसका शौहर जहन्नुम में जाएगा यानी उसका शौहर काफिर था, मुशरिक था या मुनाफिक था या जो भी हो जहांनुमा था गुनहगार था तो ऐसी औरत को जन्नत में क्या मिलेगा तो देखिए फिर अल्लाह ताला ऐसी खातून का निकाह किसी मोमिन जन्नती से करवा देंगे ऐसा ही अगर किसी ने कुंवारी लड़की की शादी ऐसा ही किया जाएगा अगर उसके कुंवारे पर में उसका इंतजार हो गया और वह जन्नत में दाखिल की गई तो अल्लाह उसकी निकाह जन्नत में कर आएगा 

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अगर बेटी जवान हो जाए बालिग हो जाए वह अपनी कोहनी के ऊपर का हिस्सा बिना खविंद अपनी मां के सामने खोल नहीं सकता जवान होने के बाद वह मां के सामने खोल सकती है सोचिए कि मजहब में इतनी पाकीज़गी की बताई गई होगी कि जवान बेटी मां के सामने कोनी के ऊपर का हिस्सा खोल नहीं सकती आज कॉम कि वह बेटियां काफिर लड़कों से जाकर मेहंदी लगवा रही

औरत जन्नत में कब जाएगी

अगर एक औरत अपनी जिंदगी में चार काम कर ले तो अल्लाह रब्बुल इज्जत उसके लिए जन्नत के दरवाजा को खोल देगा आप अंदाजा तो करें यह मुस्तफाई साबिर मुस्तफा करीम का ऊपर रहम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का फरमान है 

अल्लाह आठ दरवाजे खोल देगा यानी जन्नत की आठ दरवाजे हैं एक दो दरवाजे नहीं बल्कि 8 दरवाजे खोल दिए जाएंगे जन्नत के तमाम दरवाजे खोल दिए जाएंगे और मेरा अल्लाह फरमाएगा एक खातून एक औरत जो दरवाजे से चाहे तू जन्नत में दाखिल हो जाओ यानी औरत को रोक-टोक नहीं होगी बल्कि वह जन्नत के जो दरवाजे से चाहेगी अल्लाह उसको जन्नत में दाखिल होने की इजाजत अता फरमाएगा

  1. पांचों वक्त की नमाज की पाबंदी
  2. रमजान के रोजे रखना
  3. अपनी इज्जत की हिफाजत करना
  4. शौहर की फरमाबरदारी करना

लेकिन शर्त यह है एक औरत चार काम करती रहे पूरी जिंदगी वह चार कामों को इसलिए कामत के साथ अंजाम देता रहे अगर एक औरत कर लेती है तो अल्लाह उसके लिए जन्नत के तमाम दरवाजे खोल देता है और किस दरवाजे से चाहे वह जन्नत में दाखिल हो सकती है 

  1. सबसे पहले काम जिसकी बुनियाद पर औरत के लिए जन्नत के आठ दरवाजे खुल जाएंगे पहले काम यह है एक औरत पाबंदी वक्त के साथ पांचो वक्त की नमाज पढ़ती रहे मेरे प्यारे वसल्लम की कनिजो मैं समझता हूं औरत के लिए कोई मुश्किल काम नहीं है अगर एक खातून वक्त निकाल करके नमाज पढ़े तो एक नमाज के लिए औरत को 10 से 15 मिनट का टाइम लगता है इससे ज्यादा वक्त नहीं लगता 

लेकिन उसके बावजूद भी औरतें नमाज के लिए टाइम नहीं निकलती औरतें नमाज की कोशिश नहीं करती और अगर उनको कहा जाता है नमाज पढ़ो तो औरतें कहती है दरअसल बात यह है कि घर का काम इतना होता है उसे इसलिए हमें टाइम नहीं मिलता 

आप मुझे बताएं कि आपको टाइम कैसे नहीं मिलता आप सीरियल देखने के लिए घंटा निकाल लेती है आप फिल्म देखने के लिए 3 घंटे निकाल लेती है आप पड़ोसी के यहां बैठने के लिए वक्त निकाल लेती है आप कहीं जाने के लिए वक्त निकाल लेती है आप वलीमां और शादी में जाने के लिए टाइम निकाल लेती है आप हर काम के लिए वक्त निकलती है लेकिन आप चाहे अल्लाह रब्बुल इज्जत के लिए वक्त नहीं निकल सकती और वह भी सिर्फ 10 से 15 मिनट का टाइम है

मेरे प्यारे आका सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की कनिजों 10 से 15 मिनट की हैसियत क्या है एक इंसान अगर सिर्फ चाय पिए तो चाय पीने में भी 5 से 7 मिनट चले जाते हैं इतना कम वक्त लगता है एक वक्त की नमाज को उसके बावजूद निकलती किसी को कोई बहाना किसी को कोई आप चाहे तो अल्लाह रब्बुल इज्जत के लिए आप यह 10 मिनट निकाल कर जरूर आप नमाज की पाबंदी करिए नमाज पढ़ने से हमारा अल्लाह बहुत खुश होता है

  1. जन्नती औरत की दूसरी निशानी हमारे प्यारे रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का फरमान है रमजान के रोज रखें जो औरत रमजान के रोज रखती है अगर कोई सराय हुजूर है की औरतों के मकसूस आयाम होते हैं खास दिन होते हैं जिनमें औरतें इबादत बिल्कुल नहीं कर सकती अगर वह दिन नहीं है तो उन दिनों के अलावा वह औरत रमजान के रोजे नहीं छोड़ता तो यह भी जन्नती औरत हैऐसी औरत जन्नत की हकदार है
  1.  जन्नती औरत की तीसरी बड़ी निशानी आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने यह बतायाकि वह औरत अपनी इज्जत की हिफाजत करती है यानी वह अपने किरदार की हिफाजत करें अपने आप को पाक दामन रखें तो ऐसी औरत भी जन्नती है जो अपनी इज्जत की हिफाजत करती हैं और क्यों ना करें हिफाजत हमारा दिन भी यही सिखाता है 
  1. रसूले पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जन्नती औरत की चौथी बड़ी निशानी यह बताई फरमाया कि वह अपने मियां शौहर की फमर्बदरी करती हो शौहर की फमर्बदरी क्या है अगर शौहर किसी बात का हुक्म दे तो उसको पूरा करें गुलाम या नौकरानी समझकर बिल्कुल नहीं बल्कि बीवी होने के नाते

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया शौहर को राजी करना और खुश करना बड़ी इबादत है और शौहर को नाखुश और नाराज करना बहुत बड़ा गुनाह है

हमसफ़र होने के नाते बीवी को शौहर का हुक्म मानना चाहिए अगर औरत शौहर की हर बात मानती है और उसकी फमर्बदरी करती है तो यह औरत भी जन्नत की हकदार है

और यह चौथी निशानी है अगर कोई शौहर ऐसी बात का हुक्म करता है जिसमें अल्लाह रब्बुल इज्जत की नाफरमानी है तो ऐसी बात औरत को बिल्कुल नहीं माननी चाहिए

क्योंकि किसी को राजी करने के लिए अल्लाह को नाराज करना कभी दुरुस्त नहीं है उसके अलावा जितने भी मामलात हैं उनमें अगर औरत अपने शौहर की फमर्बदरी करती है तो यह औरत जानती है उसे औरत पर दोजख की आग हराम हो जाएगी 

यह चार निशानियां बताने के बाद हमारे प्यारे नबी हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया के उस औरत को कहा जाएगा की जन्नत के दरवाजों में से जी दरवाजे से चाहे दाखिल हो जाए जन्नत के आठ दरवाजे होंगे जिस औरत में चार निशानियां होगी यानी नमाज की पाबंद होगी रमजान की रोज रखनी होगी अपनी इज्जत और अपनी आबरू की हिफाजत करेगी अपने शहर की फरमाबरदार होगी ऐसी औरत से कहा जाएगा की जन्नत के अटो दरवाजा में से जिसे चाहे दाखिल हो जाए 

अल्लाह ताला तमाम मुसलमान बहनों को इन चार बातों पर अमल करने की तौफीक अता फरमा 

मैं AR पिछले 4 साल से ब्लॉग्गिंग कर रहा हूं. मुझे ऑनलाइन शॉपिंग और प्रोडक्ट रिव्यू की जानकारी दिखाना और देखना बहुत अच्छा लगता है.

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