अस्सलाम वालेकुम आज हम आपको बताने जा रहे हैं दुरूद शरीफ पढ़ने की फजीलत इसके क्या-क्या फायदे हैं इस आर्टिकल के जरिए जानेंगे कि दरूद शरीफ पढ़ने की क्या-क्या फजीलत है
दुरूद शरीफ पढ़ने गए बहुत सारे फायदे हैं दरूद शरीफ हर मुसीबत हर परेशानी हर बीमारी का इलाज है इसको पढ़ने से आप कामयाबी की बुलंदी हासिल कर सकते हैं आज हम कुछ दुरूद शरीफ की फजीलत और फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं जिस पर अमल करके आप बहुत सारे फायदे हासिल कर सकते हैं
दुरूद शरीफ हर जुम्मे की नमाज के बाद मदीना मुनव्वरा की और मुंह करके सो मर्तबा पढ़ने से बेशुमार फजल बा बरकत हासिल होती है
जो शब्द किसी मुसीबत या परेशानी में हो तो इसे दुरु शरीफ को 1000 मर्तबा मोहम्मद से पड़े अल्लाह ताला उसकी मुसीबत डाल देगा और उसकी अपनी मुराद में कामयाब करेगा
दुरूद शरीफ की फजीलत
हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया जो शख्स मुझ पर एक बार दरूद शरीफ भेजता है अल्लाह पाक उस पर रहमत नाजिल फरमाते हैं
हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पढ़ने फरमाया जब कोई ज्यादा से ज्यादा मुझ पर दरूद शरीफ भेजता है तो अल्लाह ताला उसकी तमाम गम से बचा लेगा और गुण माफ फरमाएगा
- अल्लाह पाक ने फरमाया मेरे फरिश्ते जमीन पर फिरते हैं मेरी उम्मत के सलाम को मुझ पर पेश करते हैं
- दुरूद शरीफ पढ़ने से दुआ कबूल होती है नबी करीम सल्लल्लाहो वाले वसल्लम ने फरमाया जो मुझ पर 10 दुरुद भेजेगा अल्लाह पाक उसे पर सो रहमत नाजिल फरमाएगा और जो 100 बार पड़ेगा वह निजात हासिल करेगा
- दरूद शरीफ पढ़ने के बहुत फजीलत एवं फायदे हैं जिनको अलग लिखा जाए तो एक बहुत बड़ी एवं मोटी किताब बन जाए

1000 bar Darood Sharif ki fazilat | Darood sharif ki Fazilat Dawat e islami |
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दरूद शरीफ कब पढ़ना चाहिए
ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो यह नहीं जानते कि दुरु शरीफ पढ़ने का सही वक्त क्या है तो लिए आपको हम इस आर्टिकल के जरिए बताते हैं कि दुरु शरीफ पढ़ने का सही वक्त क्या है अल्लाह ताला और फरिश्तों की रहमत के हकदार होंगे ऐसा में जितना ज्यादा से ज्यादा दुरूद शरीफ पढ़ सकते हैं पड़े
- दुरूद शरीफ पढ़ने के लिए वक्त
- सुबह एवं शाम के वक्त
- हर काम शुरू करते वक्त
- मस्जिद में जाते वक्त और मस्जिद को देखते वक्त
- अजान के जवाब के बाद और इकामत के वक्त
- सोते वक्त और सो कर उठते वक्त
- वुजू के बाद दुरूद शरीफ पढ़े
- नमाज पढ़ने के बाद दरूद शरीफ पढ़ना चाहिए
- जुम्मा मुबारक के दिन
- जब नबी करीम सल्लल्लाहो वाले वसल्लम का नाम है मुबारक सुनाएं तो दुरूद शरीफ पढ़े
- बाजार में जाते वक्त और बाजार से वापस आते वक्त दुरूद शरीफ पढ़ना चाहिए
दरूद शरीफ हिंदी में
दरूद शरीफ पढ़ने के क्या-क्या फायदे हैं
नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम में आजाद फरमाया जो शख्स सो मर्तबा जरुर पड़ेगा उसे व्यक्ति को जरूर को पूरा कर दिया जाएगा जिनमें से 30 तो दुनिया में ही पूरी हो जाएगी बाकी के 70 आखिरी वक्त में पूरी करी जाएगी
एक हदीस में है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया राजेश शास्त्री सुबह को 10 मर्तबा और शाम को 10 मा तबाह मुझ पर दरूद भेजता है तो कयामत के दिन उस शख्स के लिए मेरी शफात होगी
इसलिए हर मुसलमान को चाहिए कि कम से कम रोजाना सुबह शाम के 10 मिनट लगा दूर चले पढ़ने की जरूरत डालने वरना हजारों मर्तबा भी रूठ पड़े तभी काम है और जितने मर्तबा दरूद पाक पढ़ेंगे उतना ही बारगाह रिसालत में कम होगा
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल में बताया कि दुरूद शरीफ की क्या-क्या फजीलत है और इसके पढ़ने के क्या-क्या फायदे हैंआप इस आर्टिकल के माध्यम से बहुत कुछ जानेंगे
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