वैसे देखा जाए तो बढ़ती उम्र के साथ-साथ बालों का सफेद होना आम बात है, लेकिन समय से पहले बालों का सफेद हो जाना एक प्रकार का रोग है। जब यह रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तो उसके बाल दिनों दिन सफेद होने लगते हैं। बालों का सफेद होना एक चिंता का विषय है और विशेषकर महिलाओं के लिए। यदि बाल समय से पहले सफेद हो जाते हैं तो व्यक्ति की चेहरे की सुन्दरता अच्छी नहीं लगती है। इसलिए बालों के सफेद होने पर इसका इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से किया जा सकता है।
बालों के सफेद होने का कारण
1. असंतुलित भोजन तथा भोजन में विटामिन `बी´, लोहतत्व, तांबा और आयोडीन की कमी होने के कारण बाल सफेद हो जाते हैं।
2. मानसिक चिंता करने के कारण भी बाल सफेद होने लगते हैं।
3. सिर की सही तरीके से सफाई न करने के कारण भी व्यक्ति के बाल सफेद होने लगते हैं।
4. कई प्रकार के रोग जैसे- साईनस, पुरानी कब्ज, रक्त का सही संचारण न होना आदि के कारण बाल सफेद हो सकते हैं।
5. रसायनयुक्त शैम्पू, साबुन, तेलों का उपयोग करने के कारण भी बाल सफेद हो सकते हैं।
6. अच्छी या पूरी नींद न लेने के कारण भी बाल सफेद हो सकते हैं।
7. बालों को सही तरीके से पोषण न मिलने के कारण भी ये सफेद हो जाते हैं।
8. अधिक क्रोध, चिंता और श्रम करने पर उत्पन्न हुई गर्मी और पित्त सिर की नाड़ियों तक पहुंचकर बालों को रूखा-सूखा तथा सफेद कर देती हैं।
9. अनियमित खान-पान तथा दूषित आचार-विचार के कारण भी बाल सफेद हो जाते हैं।
बालों के सफेद होने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-
1. इस रोग का उपचार करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को संतुलित भोजन, फल, सलाद, अकुंरित भोजन, हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
2. रोगी को गाजर, पालक, आंवले का रस अधिक मात्रा में पीना चाहिए।
3. रोगी व्यक्ति को काले तिल तथा सोयाबीन का दूध पीना चाहिए।
4. इस रोग से बचने के लिए व्यक्ति को बादाम तथा अखरोट का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।
5. गाय का घी खाने में प्रयोग करने से व्यक्ति के बाल जल्दी सफेद नहीं होते हैं तथा सफेद बालों की समस्या भी दूर हो जाती है।
6. आंवला, ब्राह्मी तथा भृंगराज को आपस में मिलाकर पीस लें। फिर इस मिश्रण को लोहे की कड़ाही में फूलने के लिए रख दें। सुबह के समय इसको मसलकर लेप बना लें फिर इसके बाद 15 मिनट तक इसे बालों में लगाएं। इस प्रकार से उपचार सप्ताह में 2 बार करने से बाल सफेद होना बंद होकर कुदरती काले हो जाते हैं।
7. गुड़हल के फूल तथा पोदीने की पत्तियों को एकसाथ पीसकर थोड़े से पानी में मिलाकर लेप बना लें। फिर इस लेप को अपने बालों पर सप्ताह में कम से कम दो बार आधे घण्टे के लिए लगाएं। ऐसा करने से सफेद बाल काले होने लगते हैं।
8. चुकन्दर के पत्तों का लगभग 80 मिलीलीटर रस सरसों के 150 मिलीलीटर तेल में मिलाकर आग पर पकाएं। फिर जब पत्तों का रस सूख जाए, तो आग पर से उतार लें। फिर इसे ठंडा करके छानकर बोतल में भर लें। इस तेल से प्रतिदिन सिर की मालिश करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं और समय से पहले सफेद नहीं होते हैं। इससे बालों की कई प्रकार की समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।
9. बादाम के तेल तथा आंवले के रस को बराबर मात्रा में मिला लें। इस तेल से रात को सोते समय सिर की मालिश करने से बाल सफेद होना बंद हो जाते हैं।
10. रात के समय तुलसी के पत्तों को पीसकर और इसमें आंवले का चूर्ण मिलाकर पानी में भिगोने के लिए रख दें। सुबह के समय में इस पानी को छानकर इससे सिर को धो लें। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में सफेद बाल काले हो जाते हैं।
11. आंवले के चूर्ण को नींबू के रस में मिलाकर बालों में लगाने से बाल काले, घने तथा मजबूत हो जाते हैं।
12. बाल सफेद होने पर सूर्यतप्त आसमानी तेल से सिर की मालिश करने से बाल सफेद होना बंद हो जाते हैं।
13. बालों को सफेद होने से रोकने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को मानसिक दबाव तथा चिंता को दूर करना चाहिए और फिर इसका उपचार प्राकृतिक चिकित्सा से करना चाहिए।
14. कई प्रकार के योगासन (सर्वांगासन, मत्स्यासन, शवासन तथा योगनिद्रा) प्रतिदिन करने से रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक लाभ मिलता है और उसके बाल सफेद होना रुक जाते हैं।
15. भोजन करने के बाद खोपड़ी को खुजलाते हुए कंघी करने से बहुत अधिक लाभ मिलता है।
बालों को झड़ने तथा सफेद होने से बचाने के लिए कुछ चमत्कारी बालों का तेल बनाने का तरीका-
1. सबसे पहले एक लोहे का बर्तन ले लें। इसके बाद इसमें 1 लीटर नारियल का तेल, 100 ग्राम आंवला, रीठा, शिकाकाई पाउडर, 1 बड़ा चम्मच मेंहदी, 2 चम्मच रत्नजोत पाउडर को एकसाथ मिलाकर सूर्य की रोशनी में कम से कम एक सप्ताह तक रखें। फिर इसके बाद इसे धीमी आग पर उबालें तथा उबलने के बाद इसको छानकर इसमें नींबू का रस तथा कपूर मिलाकर बोतल में भर कर रख दें। इसके बाद प्रतिदिन इस तेल को बालों में लगाएं। ऐसा करने से बाल लम्बे घने और काले हो जाते हैं।
2. आधा किलो सूखे आंवले को कूटकर साफ कर लें तथा इसके बाद मुलैठी को कूटकर आपस में मिला लें। फिर इसमें आठ गुना पानी मिलाकर किसी बर्तन में इसे फूलने के लिए छोड़ दें। फिर सुबह के समय में इसे धीमी आग पर उबालने के लिए रख दें। इस मिश्रण को तब तक गर्म करना चाहिए, जब तक कि इसका पानी आधा न रह जाए। फिर इसे आग पर से उतार लें और इसे अच्छी तरह से मिलाकर छान लें। इसके बाद फिर से इस मिश्रण को तेल में मिलाकर आग पर गर्म करें तथा इसे तब तक गर्म करें जब तक कि इसका सारा पानी जल न जाये। इसके बाद इसे आग से उतार लें और इसमें इच्छानुसर सुगन्ध तथा रंग मिलाकर किसी बोतल में भर लें। इसके बाद प्रतिदिन इस तेल को बालों पर लगाएं। इस तेल को लगाने से सिर का दर्द, बालों का सफेद होना, बालों का झड़ना रुक जाता है तथा रोज इसके उपयोग से बाल लम्बे, घने तथा काले हो जाते हैं। इस तेल से सिर की खुश्की भी दूर हो जाती है।
3. 250 ग्राम घिया (लौकी) को लेकर अच्छी तरह से पीस लें और फिर इसे महीन कपड़े से छानकर इसका सारा पानी बाहर निकाल लें। इसके बाद इसमें 250 मिलीलीटर नारियल का तेल मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं। जब तक तेल थोड़ा गर्म न हो जाए तब तक इसमें लौकी का निकाला हुआ पानी धीरे-धीरे डालते रहें और इसे उबलने दें। जब सारा पानी जल जाए तब इसको आग पर से उतार लें। इस तेल को ठंडा करके बोतल में भर दी
इस तेल को प्रतिदिन बालों पर लगाने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। इस तेल के उपयोग से सिर को ठंडक मिलती है। इस तेल को रोजाना इस्तेमाल करने से व्यक्ति की याद्दाश्त तेज होती है। पैर के तलवों में जलन होने पर इस तेल से पैर के तलवों की मालिश करने से बहुत आराम मिलता है। इस प्रकार से रोगी का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से करने से रोगी के बालों से सम्बन्धित सारे रोग ठीक हो जाते