अस्सलाम वालेकुम दोस्तों आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे की फजर की नमाजमें क्या-क्या पढ़ा जाता हैतो आईए जानते हैं की फजर की नमाजमेंकितनी रकात है और कितनी सुन्नत है और फर्ज होती है
दोस्तों फजर की नमाज में कोई चाल रकात जिसमें दो सन्नाटे और दो फर्ज होते हैं पांच वक्त की नमाज में सबसे छोटी नमाज होती है फजर की नमाज अब आपको यह मालूम हो गया कि इस नमाज में कितनी रकात होती है इसके बाद हम जानते हैं फजर की नमाज की नियतकैसे करते हैं
फजर की नमाज हिंदी पढ़ने का तरीका:
फजर की नमाज में दो सुन्नत और दो फर्ज होते हैं यह नमाज कर रकात नमाज की होती है इस नमाज के लिए हमें सबसे पहले काबे की तरफ रुख करके खड़ा होना होता है
फजर की नमाज में हमें खड़े इस तरह होना है कि दोनों पैरों के दरमियान 4 इंच का फैसला हो अगर आप 4 इंच का फैसला नहीं करते किसी मजबूरी के तहत तो आप एक बारिश या फिर 6 इंच का गैप रख सकते हैं
इसके बाद आपको नमाज की नियत करना है|
फजर की नमाज की नियत:
दोस्तों फजर की नमाज की नियत आप इस तरह से कर सकते हैं जैसे अगर दो सुन्नत पढ़ने जा रहे हैं तो आप कहेंगे की —
नियत कि मैंने 2 रकात सुन्नत फ़जर वास्ते अल्लाह-त-आला के रुख मेरा काबा शरीफ कि तरफ अल्लाहु अकबर
इस तरह आप फर्ज नमाज की नियत कर सकते हैं—
नियत की मैने दो रकात फर्ज वास्ते अल्लाह ताला के रुख मेरा काबे शरीफ की तरफ अल्लाह हू अकबर
याद रहे कि अगर आपने बिना नियत करें नमाज पढ़ी है तो आपकी नमाज नहीं होगी इसलिए नियत का खास ख्याल रखना है कि आप कौन सी नमाज पढ़ रहे हैं
उसके बाद आपको सन पढ़ना होगा जो इस तरह है—
“सुब हान कल-लाहुम्मा व बिहमदिका व-त बारकस्मुका व-त आला जददुका वला इलाहा गेंरुक”
उसके बाद आपको सूरह फातिहा पढ़ने हैजो इस तरह है—
आल्हामदुलीलही रब्बिल आलमीन
अर रहमा निर रहीम
मलिकि यौमिद्दीन
इययाक न अबुदु व इय्याका नस्तईन
इहदिनस सिरआतल मुस्तकीम
सिरताल लजीना अन अमता अलय हिम
गैरिल मॅगडूबी अलय हिम व लद दालीन। (आमीन)
जब आप सूरत फातिहा पढ़ने तो फिर आपको कोई सूरत या आयत पढ़ना है जो भी आपको याद हो छोटी हो या बड़ी जैसे कि सूर्यनाथ या फिर आप चारों कुल भी पढ़ सकते हैं
सुर पढ़ने के बाद आपको रुको मैं जाना है और आपको रुको इस तरह करना है जैसे मैं बता रही हूं रुको मैं जाने के लिए आप अपनेशरीर को आधा झुका लेना है इस तरह की आपकी पीठ सीधी हो जाए इतनी कि अगर आपके पेट पर एक गिलास पानी रख दिया जाए तो वह गिरे नहीं फिर आपको रुको में जाने के बाद रुको की तस्वीर पढ़ना है जो कि इस तरह है “सुबहाना रब्बिल रब्बीयल अज़ीम”
अब आपको सीधा खड़े होने के बाद सीधे सजदे में जाना हैअगर आप इमाम के पीछे नमाज पढ़ रहे हैं तो आपको रुको मैं खड़े होने के बाद यह कहना होगा “रब्बाना वा लकल-हम्द”
फिर आपको सजदा इस तरह करना है कि सजदे पड़ जाते वक्त आपका घुटना जमीन पर लगे फिर आप अपने हाथ जमीन पर रखिए और आप नाक जमीन पर लगे इस तरह से आप अपना माथा सजदे में रखिए और आपको फिर सजदे में यह तस्बीह पढ़ना है “सुबहाना रब्बिल अला” आपको इसको तीन बार पढ़ना है
दोनों सजदे करने के बाद आपको दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाना हैफिर उसी तरह जिस तरह पहले रकात पड़ी बिल्कुल उसी की तरह दूसरी भी पढ़ना है बस इसमें आपको सजदा करने के बाद खड़े नहीं होना है बैठे रहनाहै
और फिर आपको अत्तहियात पढ़ना है लेकिन आपको ध्यान रखना है कि जब अत्तहियात पड़ेंगे तो उसमें जब यह कहेंगे “अशहदु अल्लाह इलाहा इल्लल्लाहु” तब आपको अपने सीधे हाथ की पहली उंगली को उठाना है
अत् तहिय्यातू लिल्लाही वस्सल वातू वत्तह्यीबातु
अस्सलामु अलैका या अय्यूहनबी वरहेमतुल्लाही वबरकातूहू
अस्सलामू अलैना वला इबादीस्साॅलेहीन
अशहदु अल्लाह इलाहा इल्लल्लाहु व अश्हदु अन्न मुहम्मदून अब्दुहू व रसूलूहू
अत्तहियात में जब ‘अशहदु अल्लाह इलाहा’ आयेगा तब आप अपनी शहादत की उंगली को उठा कर के छोड़ दें।
अत्तहियात पढ़ने के बाद आपको दुरूद शरीफ पढ़ना है और दुरूद शरीफ पढ़ना जरूरी है
दुरु शरीफ पढ़ने के बाद आपको सलाम फेर लेना हैआपको अपने दाएं कंधे पर देखते हुए कहेंगे अस्सलाम वालेकुम वरहमतुल्लाही यह कहते हुए आप फिर दूसरा सलाम करेंगे दूसरा सलाम करेंगे तो आपको कहना है बाए कंधे पर देखते हुए अस्सलाम वालेकुम रहमतुल्लाह अगर आप फर्ज नमाज पढ़ रहे हैं तो आप सलाम करने के बाद एक बार अल्लाह हू अकबर और तीन बार अस्तगफिरुल्लाह पड़ेंगे
फजर की नमाज पढ़ने की फजीलत
फजर की नमाज पढ़ने की बहुत सी फजीलत हैं और बहुत ही फायदे हैं हम आपको बताने जा रहे हैं आईए जानते हैं फजर की नमाज पढ़ने की फ़ज़ीलत
- जो इंसान फजर की नमाज पढ़ता है वह दुनिया की तमाम चीजों सेमहफूज रहता है
- फजर की नमाज हमें शैतान से बचाती है और हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया जो इंसान फजर की नमाज पढ़ता है वह अल्लाह की पनाह में आ जाता है
- फजर की नमाज पढ़ने से हमारे दिल को सुकून मिलता है और अल्लाह हमें महफूज रखते हैं
- फजर की नमाज पढ़ने से अल्लाह ताला हमें सही राह दिखाता है
- अगर आप फजर की नमाज पढ़ते हैं तो आपकी दिन की शुरुआत भी अच्छी होगी और आपका दिन अच्छा गुजरेगा और आपके काम में बरकत होगी
- जो इंसान फजर की नमाज पढ़ता है वह जहन्नुम की आग से महफूज रहता है
तो दोस्तों हम उम्मीद करते हैं आपको फजर की नमाज का तरीका और फजर की नमाज को पढ़ने की फ़ज़ीलत के बारे में मालूम हो गया होगा उम्मीद करते हैं आपको हमारी आर्टिकल पसंद आया होगा अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया है तो हमारी इस पोस्ट को लाइक कमेंट और शेयर करना ना भूले धन्यवाद