प्यारे नबी की हदीस और वसीयत || नबी की सुन्नतों पर अमल करने के फायदे हिंदी में |

अस्सलाम वालेकुम व रहमतुल्लाह व बरकातहू,दोस्त एक बार फिर से हम खैरो मखदम है  आपके लिए अपनी वेबसाइट पर||

मेरे प्यारे इस्लामी भाइयों आज एक बार फिर हम आपके लिए अपनी वेबसाइट पर प्यारे नबी हुजूर नबी सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम की हदीस लेकर हाजिर हुए है||

हदीस:-

अल्लाह के प्यारे नबी सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम वैसे तो बहुत सारी हदीस हैं लेकिन हम कुछ आपके सामने पेश कर रहे हैं|

अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजि अल्लाहू इरशाद फरमाते हैं:- अल्लाह के प्यारे नबी सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम अपने कुछ सहाबा इकराम के साथ 2 क़ब्रों के पास से गुजर रहे थे आप देखते हैं कि उन क़ब्रों से बहुत चीखने चिल्लाने की आवाज आ रही है|आपके साथ चल रहे सहाबा इकराम ने आपसे पूछा इन पर इतना आजाव क्यों हो रहा है|आपने देखा और आप पर सब रोशन हो गया कि उन पर अजाबे कब्र क्यों हो रहा है| प्यारे नबी नबी करीम नबी सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने सहाबा इकराम को बताया कि एक जब दुनिया में जिंदा था तभी यह पेशाब इस तरीके से किया करता था कि पेशाब की चीजों से बच नहीं पाता था उस पर इसलिए अजाबे कब्र हो रहा है| जबकि दूसरी कब्र वाला इस पर आजादी हो रहा है कि यह दुनिया में जब तक जिंदा रहा इधर उधर की बातें यानी की चुगली करता रहा| लोगों के बीच नफरत को जिंदा करता रहा लड़ाई झगड़े करा तारा और इस तरह आपस में लोगों के रिश्तो को खराब करता रहा इसलिए इस पर अजाबे कब्र हो रहा है|

लेकिन अल्लाह के प्यारे नबी नबी सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम को इन दोनों कब्र वालों पर रहम आया और उन्होंने खजूर की ताजा टहनी लेकर उसके दो टुकड़े करके एक एक करके दोनों की कब्र पर डाल दिए|

सहाबा इकराम ने नबी सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम की समरी के बारे में पूछा कि आपने ऐसा क्यों किया अब हमारे प्यारे नबी नबी करीम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि मैंने इन लोगों के लिए अल्लाह से दुआ कीजिए कि मेरी दुआ से इन लोगों के अजाबे कब्र में कुछ कमी की जाए जब तक यह दोनों टहनियां टूट ना जाए इनको कब्र के आजाब से राहत मिलेगी|

प्यारे नबी की हदीसे हिंदी में|

  • तुम में से वह सबसे ज्यादा उम्दा और बेहतर है जो अपने घर वालों से अच्छा सुलूक करता हो|
  • बैठकर पेशाब करना, पेशाब की पेशाब की छींटों से बचना |
  •  सूद ब्याज से बचना |
  • अपने परिवार में किसी की कसम ना खाओ अगर जरूरत पड़े तो अल्लाह की कसम खाओ|
  • दुनिया में दिखावा ना करो कुछ अगर मदद करनी है तो गुप्त तरीके  से करो|
  • नमाज पढ़ो| 
  • अपने शौहर को नाराज ना करो |
  • अगर किसी का बच्चा नानाबालिग की में इंतकाल कर जाता है तो उसके लिए वह उस जन्नत में जाने का सबब बनेगा |
  • बगैर इल्म के किसी से बहस करना अल्लाह को नाराज करना है|
  • घमंड करना अल्लाह ताला को सबसे ज्यादा नाराज करना  है|
  • अपने मुर्दे को बेरी के पानी से गुसल देना |

प्यारे नबी की वसीयत हिंदी में

हमारे प्यारे नबी नबी सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने कुछ बताती की है जिसको हम आपके सामने अपनी वेबसाइट पर केस करने जा रहे हैं|

अगर आपके सामने वसीयत अल्फाज आता है तो शायद आप यही सोच लेते होंगे कि किसी के बाप दादा ने मरते वक्त उसको प्रॉपर्टी या किसी अपनी निजी संपत्ति की वसीयत की है|

लेकिन क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि हमारे प्यारे नबी हुजूर नबी सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने हम सब के लिए यानी की उम्मत के लिए क्या वसीयत की हैं|

हज़रत मआज़ रजिo अल्लाहो तआला अन्हा फरमाते हैं कि मुझे हुज़ूर S.A.W ने 10 बातों की वसिय्यत फ़रमाई | 

  1. अल्लाह के साथ किसी को भी शरीक न करें, चाहे फिर क्यों न तुम्हारा क़त्ल कर दिया जाये या फिर तुम्हे आग के सोलों में जला दिया जाये| इसका मतलब ये की ये सर झुके गा तो बस सिर्फ अल्लाह के सजदों के लिए झुकेगा मौत, रिज्क, परिशानी, ये सब अल्लाह देता है और इसमें किसी का कोई दखल अंदाज़ी नहीं है |
  1. अपने माँ बाप की ना फ़रमानी कभी मत करना चाहे फिर क्यों वो तुम घर से बे दखल कर दें|
  1. इमाम ग़ज़ाली रजिo ने फ़रमाया है कि एक खता ऐसा भी है कि जिस की सज़ा आख़िरत में तो मिलेगी ही और दुनिया में भी मिलती है और वो वालिद वालिदैन की नाफरमानी है |
  1.  नमाजे फ़र्ज़ जान भूझकर न छोड़ना फ़र्ज़ नमाज़ को जो इन्शान जान भूझकर छोड़ देता है अल्लाह ताला उससे बरी हो जाता है|
  1. अल्लाह तआला अपना ज़िम्मा जब इंसानो से उठा लेता है तो ज़ाहिर है कि रुसवाई उसका किस्मत बन जायगा , अल्लाह की रहमतों और उसकी ज़िम्मेदारी में रहना बहुत ही बड़ी नेअमत है|
  1.  शराब न पीना क्यों की ये हर गुनाह और मुसीबत की जड़ है |
  1. कभी अल्लाह की नाफरमानी न करना इससे अल्लाह का आजाब और कहर नाजिल हो ता है  से अल्लाह खुश न हों तो कम से कम नाराज़ भी जब कोई काम या चीज़ आपके सामने करने या देखने या सुनने जैसी आए तो तो पहले हमें ये|  देखना और सोचना चाहिए कि इस को करने में क्या अल्लाह की फरमा बरदारी है या नाफ़रमानी है, अगर इस काम को करने|
  1. जंग या लड़ाई में कभी ना भागना चाहे फिर आपके साथी या आप फिर मारे क्यों ना जाएं|

इसका मतलब यह है कि अपने अल्लाह से बीमारी लड़ाई आजमाइश ना मांगू बल्कि आफियत बा खैरियत ना हो लेकिन अगर फिर भी आपके साथ ऐसा कुछ हो जाता है तो आप पूरी हिम्मत और बहादुरी से मुकाबला करें ना कि पीठ दिखा कर भाग जाएं एक सच्चे मुसलमान की शान और पहचान के खिलाफ है| 

   फर्ज अमल के बारे में नबी की हदीस|

  1. अपने वालीदैन के साथ अच्छा सलूक करना |
  1. खड़े होकर नमाज़ को पढ़ना|
  1. मरने वाले का कर्ज अदा करना |
  1. पानी न मिलने पर tayumm करना |
  1. गुसल के लिए tayumm करना |
सुन्नत अमल के बारे में नबी की हदीस  |
  1. सीधी करवट से सोना |
  1. बुजु में 3 मर्तबा कुल्ली करना |
  1. कर्जा और गमो से निजात की दुआ |
  1. कसरत से स्तर पार करने की सुन्नत |

disclaimer:-

हमारी यह वेबसाइट किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करती है| किसी भी चीज पर अमल करने से पहले आपने मस्जिद के इमाम से संपर्क करें| 

मैं AR पिछले 4 साल से ब्लॉग्गिंग कर रहा हूं. मुझे ऑनलाइन शॉपिंग और प्रोडक्ट रिव्यू की जानकारी दिखाना और देखना बहुत अच्छा लगता है.

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